नई दिल्ली:
पहलगाम हमले से पहले भी आईएसआई ने बड़े आतंकी हमले की साजिश रची थी. सेंट्रल एजेंसियों ने पाकिस्तान से दिल्ली में आईएसआई के स्लीपर सेल नेटवर्क को बेनकाब किया था. 3 महीने से ज्यादा वक्त तक चले इस ऑपरेशन के बाद एजेंसियों ने दिल्ली से नेपाली मूल के ISI एजेंट को पकड़ा था जिसने बड़ा खुलासा किया था. दरअसल, आईएसआई ने दिल्ली में स्लीपर सेल का जाल फैलाया हुआ था.
जनवरी में शुरू किया गया था ऑपरेशन
जानकारी के मुताबिक इस ऑपरेशन की शुरुआत जनवरी में एक अस्पष्ट सूचना के साथ हुई थी, जब पता चला था कि ISI का एक जासूस संवेदनशील दस्तावेज/तस्वीरें/गूगल कोऑर्डिनेट्स इकट्ठा करने के लिए नेपाल के रास्ते दिल्ली पहुंचने वाला था. इसके बाद सूचना मिली कि दिल्ली में हमले की योजना बनाई जा रही थी और इसकी प्लानिंग के लिए सुरक्षा बलों के बारे में क्लासीफाइड जानकारी का इस्तेमाल किया जा रहा था. हालांकि, इस मामले में उच्च दबाव के बावजूद आगे बढ़ने के लिए अधिकारियों को फरवरी तक का इंतजार करना पड़ा.
जासूस से एकदम आगे रहकर ऐसे सुरक्षा एजेंसियों ने किया उसे ट्रैप
सूत्र के मुताबिक ISI एजेंट दिल्ली पहुंच गया था और वह सुरक्षा बलों से जुड़ी क्लासीफाइड जानकारी एकत्रित कर रहा था. इसी बीच 15 फरवरी को एक ट्रैप सेट किया गया और अंसारी को संवेदनशील दस्तावेजों के साथ दिल्ली में उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नेपाल के रास्ते पाकिस्तान वापस जा रहा था.
सूत्र ने बताया कि “इसके मद्देनजर, दिल्ली-एनसीआर में आतंकी हमले की किसी भी योजना को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाए गए. सूत्रों को सक्रिय किया गया, जिसके बाद संदिग्ध की यात्रा योजनाओं के बारे में जानकारी मिली.” इसके बाद अंसारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया और उसपर भारत की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को सप्लाई करने का आरोप लगा. इसी के तरह उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई.
रांची से अखलाख आजम को भी किया गया गिरफ्तार
अंसारुल को ISI ने इंडियन मिल्ट्री से जुड़े बेहद गोपनीय दस्तावेज की CD बनाकर पाकिस्तान भेजने को कहा था. अंसारुल से पूछताछ के बाद रांची से अखलाख आजम को भी गिरफ्तार किया गया था. जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक खुफिया तरीके से सेंट्रल एजेंसियों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था.