देहरादून: “विकसित और सशक्त उत्तराखंड” के विजन के अनुरूप राज्य में लैंगिक समानता और कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सेतु आयोग और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूईसीडी), उत्तराखंड सरकार के सहयोग से यूपीईएस में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
आज पहले दिन सेतु आयोग और UPES विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता (MOU) साइन हुआ, जिसका उद्देश्य राज्य में युवाओं को नीति निर्माण और कानूनों की जानकारी से जोड़ना है। इस समझौते के अन्तर्गत आज UPES University परिसर में पॉलिसी और लॉ लैब का उद्घाटन किया गया। इस केंद्र का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और आमजन को एक मंच पर लाकर, नीतियों और कानून संबंधी जागरूकता बढ़ाना है I इस पहल के पीछे सेतु आयोग का विज़न है – “युवाओं को नीति निर्माण में शामिल करना और उन्हें कानूनों की सही जानकारी देना, ताकि वे जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनें।”
उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने कहा: “सेतु आयोग का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्तराखंड में लैंगिक समानता सिर्फ़ एक आदर्श न हो बल्कि समावेशी विकास का एक ठोस रूप हो जो राज्य के सबसे दूरदराज के इलाकों तक भी पहुंचे। हम इस लक्ष्य को विभिन्न हितधारकों, छात्रों, नीति निर्माताओं और समुदायों के साथ मिलकर ही हासिल कर सकते हैं। इस केंद्र की स्थापना और इन छह परियोजनाओं के डिज़ाइन के ज़रिए हम समावेशी विकास की नींव रख रहे हैं, जहाँ छात्र, समुदाय और नीति निर्माता स्थायी बदलाव लाने के लिए मिलकर काम करेंगे।
UPES के कुलपति डॉ. राम के. शर्मा ने कहा, “सेतु आयोग के सहयोग से यूपीईएस द्वारा यह नीति और विधि प्रयोगशाला शुरू करना नीति निर्माण में समाज की भागीदारी की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। हमारा शैक्षणिक समुदाय समाज में न्याय और समानता के लिए तत्परता से काम करेगा।”
सेतु आयोग का उद्देश्य राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है – “प्रत्येक महिला और लड़की के लिए एक सुरक्षित, समान और सशक्त समाज बनाना।”
तीन दिवसीय कार्यशाला में सरकारी विभागों, नागरिक समाज संगठनों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ नीतियों और योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। कार्यशाला के दौरान छह प्रमुख परियोजनाएं भी प्रस्तुत की जाएंगी, जिन्हें विभिन्न विभागों के परामर्श के बाद तैयार किया गया है। इनमें इको-पर्यटन में महिला नेतृत्व, कानूनी जागरूकता, आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी, सुरक्षित शहर, गांवों में महिला नेतृत्व और ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा वितरण में महिला समूहों का सशक्तिकरण शामिल हैं। यह उत्तराखंड में महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल बनाने की दिशा में एक सकारात्मक ठोस कदम है।
आयोग का उद्देश्य है कि यह पॉलिसी और लॉ लैब युवाओं की सोच को नीतियों में परिवर्तित करने का माध्यम बनेगा। इससे उत्तराखंड में एक जागरूक और जिम्मेदार युवा शक्ति तैयार होगी, जो समाज के विकास में अहम भूमिका निभाएगी।